Economics ( मुद्रास्फीति)

मुद्रा स्फीति (Inflation) गणितीय आकलन पर आधारित एक अर्थशास्त्रीय अवधारणा है जिससे बाज़ार में मुद्रा का प्रसार व वस्तुओ की कीमतों में वृद्धि या कमी की गणना की जाती है। सामान्यतः मुद्रास्फीति की स्थिति उस समय मानी जाती है, जब मुद्रा की कुल पूर्ति उसकी कुल मांग की तुलना में अधिक हो जाते है तथा परिणामस्वरूप मुद्रा का मूल्य गिरने लगता है तथा सामान्य कीमत स्तर बढ़ने लगता है| कारण सामान्यतः मुद्रास्फीति के बढ़ने के कारणों को दो भागों-(A) मौद्रिक आय में वृद्धि तथा (B) उत्पादन में कमी, में वर्गीकृत किया जाता है| मौद्रिक आय में वृद्धि होने पर मुद्रास्फीति का उत्पन्न होना स्वाभाविक है| मौद्रिक आय में वृद्धि सरकार की मौद्रिक नीति, घाटे की अर्थव्यस्था (हीनार्थ प्रबंधन), गैर-विकासात्मक व्ययों में वृद्धि, मुद्रा के चालान वेग में वृद्धि, व्यापारिक बैंकों की साख नीति में परिवर्तन, करों में छूट, ऋण वसूली में ढील एवं पुराने ऋणों के भुगतान, विदेशी पूंजी का आयत तथा वित्तीय अव्यवस्था आदि के कारण होती है| मुद्रास्फीति के उत्पन्न होने का दूसरा कारण उत्पादन में कमी है| उत्पादन में कमी के ...